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प्रो. नाथू पुरी

जब हम संघर्ष को पार करते हैं, तो सफलता का आगाज होता है।

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स्वामी भारत भूषण

सच्चे ज्ञान और स्वार्थ से रहित एक युग में, केवल कुछ चुनिंदा...

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अच्युतानंद मिश्र

आज जब पत्रकार और पत्रकारिता दोनों सवालों के साए में हो तब अच्युतानंद मिश्र...

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राजकुमार अवस्थी

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिला निवासी श्री राजकुमार अवस्थी विद्वान और कई भाषाओं...

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दिनेश भानकर - अकाउंट्स डिपार्टमेंट

एकाउंट्स हर संख्या की सटीक गणनाएकाउंट्स डिपार्टमेंट किसी भी कंपनी की रीढ़ होता है। यह सिर्फ संख्याओं का खेल नहीं, बल्कि वित्तीय स्थिरता और विकास का आधार है। हर लेन-देन का सही हिसाब रखना, बजट को संतुलित करना और कंपनी की आर्थिक सेहत को मजबूत बनाए रखना—यही एकाउंट्स टीम की असली ताकत होती है।

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गजेंद्र सिंह - फोटो जर्नलिस्ट

एक फोटो पत्रकार की नजर सेएक फोटो पत्रकार सिर्फ तस्वीरें नहीं खींचता, बल्कि हर तस्वीर के जरिए एक कहानी कहता है। उसकी आंखें वही देखती हैं जो कई बार अनदेखा रह जाता है, और उसका कैमरा उन सच्चाइयों को उजागर करता है जो अक्सर शब्दों में बयां नहीं की जा सकतीं।

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Spritual Books

Spritual BooksSpiritual Booksश्रीमद्भगवद्गीतामहाभारत युद्ध आरम्भ होने के ठीक पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया वह श्रीमद्भगवद्गीता के नाम से प्रसिद्ध है। यह महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है। गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं।[1] गीता की गणना प्रस्थानत्रयी में की जाती है, जिसमें उपनिषद् और ब्रह्मसूत्र भी सम्मिलित हैं। अतएव भारतीय परम्परा के अनुसार गीता का स्थान वही है जो उपनिषद और धर्मसूत्रों का है। उपनिषदों को गौ (गाय) और गीता को उसका दुग्ध कहा गया है। इसका तात्पर्य यह है कि उपनिषदों की जो अध्यात्म विद्या थी, उसको गीता सर्वांश में स्वीकार करती है। उपनिषदों की अनेक विद्याएँ गीता में हैं। जैसे, संसार के स्वरूप के संबंध में अश्वत्थ विद्या, अनादि अजन्मा ब्रह्म के विषय में अव्ययपुरुष विद्या, परा प्रकृति या जीव के विषय में अक्षरपुरुष विद्या और अपरा प्रकृति या भौतिक जगत के विषय में क्षरपुरुष विद्या।

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